दोस्तों आप का स्वागत है हमारे Achiverce Information में तो आज हम आपको इस पोस्ट बताने जा रहे हैं भारतीय कार्यपालिका से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में है।
कार्यपालिका (Executive)
प्रश्न- कार्यपालिका किसे कहते है? तथा इसके कार्य बताओ?
सरकार का वह अंग जो संसद द्वारा बनाये गए कानूनों लागू को करता है उसे कार्यपालिका कहते है।
गिलक्राइस्ट के अनुसार कार्यपालिका सरकार का का वह अंग है जो कानून के रूप में प्रकट जनता की इच्छा को लागू करता है।
इसके कार्य:-
(1) कार्यपालिका कानूनों को लागू करती है तथा शान्ति व्यवस्था बनाए रखती है।
(2) कार्यपालिका कानूनों के निर्माण की प्रकृति में भी महत्वपूर्ण होती है।
(3) कार्यपालिका देश के महत्वपूर्ण माँगो पर नियंत्रण रखती है ।
(4) कार्यपालिका युद्ध और शांति की घोषणा करती है ।
प्रश्न- कार्यपालिका कितने प्रकार की होती है?
(1) सामूहिक नेतृत्व के सिध्दांत पर आधारित प्रणाली
(a) ससंदीय
(b) अर्ध अध्याक्षात्मक
(2) एक व्यक्ति के नेतृत्व के सिध्दांत पर आधारित प्रणाली
(a) अध्याक्षात्मक
(1) सामूहिक नेतृत्व के सिध्दांत पर आधारित प्रणाली
(a) ससंदीय :-
(b) अर्ध-अध्याक्षात्मक:-
(2) एक व्यक्ति के नेतृत्व के सिध्दांत पर आधारित प्रणाली
प्रश्न- स्थायी कार्यपालिका किसे कहते हैं?
प्रश्न- राष्ट्रपति की शक्तियां कौन कौन सी है?
प्रश्न- राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों का वर्णन कीजिए?
प्रश्न- भारत में संसदीय शासन प्रणाली को क्यों अपनाया गया ?
भारत में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। यदि राष्ट्रपति को प्रत्यक्ष रूप से जनता चुनती तो राष्ट्रपति अधिक शक्तिशाली हो सकता है। भारत में यदि राष्ट्रपति अधिक शक्तिशाली होता तो. देश के विभिन्न धर्म और क्षेत्रों के लोग संतुष्ट नहीं होते।भारत में स्वतंत्रता से पहले ब्रिटेन का शासन था अतः ब्रिटेन से प्रभावित होकर भी भारत में संसदीय प्रणाली को अपनाया गया
राष्ट्रपति का चुनाव एकल संक्रमणीय मत प्रणाली से होता है। 1 राष्ट्रपति का चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य वोट देते है। राष्ट्रपति के चुनाव में एक सदस्य एकमत प्रणाली नहीं अपनाई गई वैसे एक मतदाता को केवल एक ही मत मिलता है। परंतु उसके मत की गणना नहीं होती बल्कि मूल्याकन होता है। राष्ट्रपति पद पर चुने जाने के लिए यह आवश्यक है कि उम्मीदवार को मतों का पूर्ण बहुमत अवश्य प्राप्त होना चाहिए
प्रश्न-महाभियोग और पदरिक्तता से क्या अभिप्राय है?
महायोग न पदरिक्तता राष्ट्रपति का (Impeachment & Rimmval) राष्ट्रपति का चुनाव पाँच वर्ष के लिए किया जाता है। इन पाँच वर्षों के पूरा होने से पहले राष्ट्रपति खुद भी त्याग पत्र द सकता है या उसकी मृत्यु के कारण पद खाली हो सकता है या फिर सविधान के उल्लंघन या अयोग्यता के आधार पर राष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा के लिए स्टाया जा सकता है।
महाभियोग संसद के किसी भी सदन के 1/4 सदस्य सस्ताहर करके एक प्रस्ताव राष्ट्रपति के विरूत पारित किया जाता है। इसके लिए 14 दिन का लिखित नोटिस राष्ट्रपति को दिया जाता है। यदि उस सदन में आरोप प्रस्ताव सदन के कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत से पास हो जाए तो प्रस्ताव दूसरे सदन में भेजा जाता है।
दूसरा सदन आरोपों की जाँच पड़ताल करता है। इस समय राष्ट्रपति या उसका प्रतिनिधि आरोपों का उत्तर दे सकता है। यदि दूसरा सदन भी अपने सदन की कुल सदस्य संख्या के 2/3 बहुमत से इन आरोपों की पुष्टि कर दें तो राष्ट्रपति को उसी दिन से उसके पद से हटा दिया जाता है। महाभियोग के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती।
प्रश्न- भारत में प्रधानमंत्री का नियुक्ति कौन करता है? तथा उनके शक्तियां क्या है?
नियुक्तिः- संविधान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा परंतु वास्तव में ऐसा नहीं है। देश में संसदीय प्रणाली होने के कारण राष्ट्रपति अपनी मर्जी से किसी भी व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त नही कर सकता । वह केवल उसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकता है जो लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता चुना गया हो। औपचारिक रूप से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है।
कार्यकाल :- प्रधानमंत्री का अधिकतम कार्यकाल 5 साल है लेकिन वह तब तक अपने पद रहता है। जब तक उसे लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त हो । तथा वह समय से पहले भी त्याग पद दे सकता है।
शक्तियाँ: मंत्रीमंडल का नेता : प्रधानमंत्री मंत्रीमंडल का नेता है और प्रधानमंत्री ही मंत्री मंडल बनाता तथा उसे नष्ट कर सकता है।प्रधान मंत्री मंत्रीपरिषद का निर्माण करता है।विभागों का विभाजन करता है ।प्रधानमंत्री मंत्रीमंडल का सभापति होता है।
राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार :- प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार है। तथा राष्ट्रपति प्रशासन के प्रत्येक मामले पर प्रधानमंत्री की सलाह लेता है।
सरकार का मुखिया : सरकार का मुखिया होने के नाते प्रधान मंत्री राज्य प्रबंध चलाता है। गृह तथा विदेश नीति का निर्माण करता है।
नियुक्तियाँ:- शासन के सभी उच्च अधिकारियों की नियुक्ति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सिफारिश पर करता है।
लोकसभा को भंग करने का अधिकार:- प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को सलाह देकर लोकसभा को भंग करवा सकता है।
आपातकालीन शक्तियाँ: – अनुच्छेद 352, 356,360 के अंतर्गत राष्ट्रपति को जो संकट कालीन शक्तियाँ दी गई वह वास्तव में प्रधानमंत्री द्वारा ही प्रयोग कि जाती है।
प्रश्न- राष्ट्रपति के विशेषधिकार कौन से है ?
राष्ट्रपति मंत्रीपरिषद की सलाह को वापस कर सकता है। तथा उसे अपने निर्णय पर पूर्ण विचार करने के लिए कह सकता है।
राष्ट्रपति को वीटो शक्ति :- भारत के राष्ट्रपति को निषेधाधिकार प्राप्त है जिसके तहत वह संसद द्वारा पारित विधेयकों पर स्वीकृति देने में देरी कर सकता है या स्वीकृति देने से इंकार कर सकता है ।
आशा करता हूँ कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी लाभदायक हुआ है इसी प्रकार की जानकारी पाने के लिए आप हमारे E-mail तथा सोशल मीडिया पर follow कर सकते है।
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